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देवकाली

श्रेणी धार्मिक

इस मंदिर का विवरण रामायण महाकाव्य के विविध प्रसंगों में पाया जाता है| ऐसी मान्यता है की माता सीता अपने साथ देवी गिरिजा देवी की एक सुन्दर मूर्ति लेकर अयोध्या आई थी| महाराज दशरथ ने एक भव्य मंदिर का निर्माण कराकर उसमे उसी प्रतिमा की स्थापना करायी थी, माता सीता देवी की प्रतिदिन पूजा अर्चना करती थी| आज भी माता देवकाली की भव्य प्रतिमा यहाँ स्थित है|

फोटो गैलरी

  • देवी काली प्रतिमा - देव काली
  • मंदिर में आरती - देव काली
  • देव काली मंदिर का प्रवेश

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है जो अयोध्या से 152 किलोमीटर दूर है। अयोध्या गोरखपुर हवाई अड्डे से लगभग 158 किलोमीटर, प्रयागराज हवाई अड्डे से 172 किलोमीटर और वाराणसी हवाई अड्डे से 224 किलोमीटर दूर है।

ट्रेन द्वारा

फैजाबाद व अयोध्या जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से भलि-भांति जुड़े हैं। फैजाबाद रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 128 कि.मी., गोरखपुर से 171 कि.मी., प्रयागराज से 157 कि.मी. एवं वाराणासी से 196 कि.मी. है। अयोध्या रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 135 कि.मी., गोरखपुर से 164 कि.मी., प्रयागराज से 164 कि.मी. एवं वाराणासी से 189 कि.मी. है।

सड़क के द्वारा

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध हैं, और सभी छोटे बड़े स्थान से यहां पहुंचना बहुत आसान है। फैजाबाद बस मार्ग द्वारा लखनऊ से 152 कि.मी., गोरखपुर से 158 कि.मी., प्रयागराज से 172 कि.मी. एवं वाराणासी से 224 कि.मी. है। अयोध्या बस मार्ग द्वारा लखनऊ से 172 कि.मी., गोरखपुर से 138 कि.मी., प्रयागराज से 192 कि.मी. एवं वाराणासी से 244 कि.मी. है।