जैन श्वेताम्बर मंदिर
अयोध्या नगरी का जैन धर्म के लिए भी विशेष स्थान है , यहाँ विभिन्न तीर्थंकरों के जीवन से सम्बंधित १८ कल्याणक घटित हुए हैं| अयोध्या नगरी को पांच तीर्थकरो ( आदिनाथ, अजितनाथ, अभिनंद नाथ, सुमतिनाथ एवं अनंतनाथ ) की जन्मस्थली होने का गौरव प्राप्त है| उनकी स्मृति में फैजाबाद के नवाब के कोषाध्यक्ष ने यहाँ पांच मंदिरों का निर्माण कराया था| दिगंबर जैन मद्निर प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को समर्पित है जिन्हें आदिनाथ, पुरदेव, वृषभदेव एवं आदिब्रह्म इत्यादि नामो से भी जाना जाता है| आधुनिक समय में यह बड़ी मूर्ति के नाम से प्रसिद्ध है जहाँ कि अयोध्या के रायगंज नामक स्थान पर ऋषभदेव की 31 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है |
दिगम्बर जैन सम्प्रदाय के पहले तीर्थंकर ऋषभ देव जो आदिनाथ के रूप में भी जाने जाते है, की मूर्ति मंदिर के गर्भग्रह में स्थापित है। आचार्य रत्न देशभूषणजी महाराज और आर्यिका ज्ञानमती माताजी द्वारा वर्तमान समय में इस स्थान का पुनः उद्धार किया गया है |
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है जो अयोध्या से 152 किलोमीटर दूर है। अयोध्या गोरखपुर हवाई अड्डे से लगभग 158 किलोमीटर, प्रयागराज हवाई अड्डे से 172 किलोमीटर और वाराणसी हवाई अड्डे से 224 किलोमीटर दूर है।
ट्रेन द्वारा
फैजाबाद व अयोध्या जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से भलि-भांति जुड़े हैं। फैजाबाद रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 128 कि.मी., गोरखपुर से 171 कि.मी., प्रयागराज से 157 कि.मी. एवं वाराणासी से 196 कि.मी. है। अयोध्या रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 135 कि.मी., गोरखपुर से 164 कि.मी., प्रयागराज से 164 कि.मी. एवं वाराणासी से 189 कि.मी. है।
सड़क के द्वारा
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध हैं, और सभी छोटे बड़े स्थान से यहां पहुंचना बहुत आसान है। फैजाबाद बस मार्ग द्वारा लखनऊ से 152 कि.मी., गोरखपुर से 158 कि.मी., प्रयागराज से 172 कि.मी. एवं वाराणासी से 224 कि.मी. है। अयोध्या बस मार्ग द्वारा लखनऊ से 172 कि.मी., गोरखपुर से 138 कि.मी., प्रयागराज से 192 कि.मी. एवं वाराणासी से 244 कि.मी. है।